NEELAM GUPTA

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हमारे विश्वास का घोसला।

         🌹🌹नजरिया 🌹🌹
घोंसला हमारा सुन्दर विश्वास भरा घोंसला यानी मकान। सीमेंट ईट गारा तिनको से बना मकान। सोचा है कभी इसकी मजबूत नींव( जो हमारे पापा है )पर टिका रहता है ।  इसकी छत माँ का आँचल ओढ़े हम पर ममता की छाँव बनाती है ।

इसके चार स्तम्भ दो आर्थिक व्यवस्था के दो बुजुर्गों के अपनी कोशिशो से सम्भाले रहते इस मकान को अपने प्यार और दुलार से।

बच्चे इस मकान की दीवारें होते हैं। कोरी एकदम कोरी ।उन पर जो चाहे लिख लों। जैसा उनके सामने बर्ताव करोगे। जैसा उन पर रंग करोगे।
वहीं झलक दिखलाती है।

बचपन की अठखेलियां,रंग बिरंगे सपने, उनकी हंसी ठिठोली और सबके प्यार और विश्वास से मकान घर बन जाता है। महकती उनकी साँसो से घर का कोना कोना परिपूर्ण हो जाता है।

लेकिन कभी खराब किस्मत की तेज रफ्तार में यदि अर्थव्यवस्था के स्तम्भ कमज़ोर पड़ जाए।
तो सबके साथ से घर बच जाता है। लेकिन अगर प्यार और विश्वास का स्तम्भ गिरता है तो सारा आशियाना कच्चे तिनको के घोसले की तरह बिखर जाता है।

दिलों के दर्द से जो आँसु निकलते हैं। वो नींव यानी पिता को भी कमज़ोर कर देते हैं। सारी दीवारें एक-एक करके अलग हो जाती है। घर खण्डहर बन जाता है । ना कोई उम्मीद,ना कोई सपने, सब अकेले अकेले पड़ जाते हैं। टूट जाते है ।अन्दर से खोखले होकर  दिन रात अपने में घुटते रहते हैं।

इसलिए आँधी आएं या तूफान पर परिवार में सुख शांति बनीं रहनी चाहिये। दृढ़ विश्वास और प्यार की मजबूत डोर से पूरे घर को बांध कर रखना चाहिए। जिसके सहारे पूरा घर खड़ा रहता है। 

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4 Comments

Mahendra Bhatt

28-Aug-2021 11:06 AM

Nice

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Miss Lipsa

26-Aug-2021 06:38 AM

Wow

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Adeeba Riyaz

20-Aug-2021 03:27 AM

Good

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